रामबाण टोटके और पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय

पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय – बड़ा सवाल यह है कि क्या ऐसे कोई तरीके या उपाय हैं जो हमें एक विशिष्ट लिंग के बच्चे की इच्छा को पूरा करने में मदद कर सकते हैं, चाहे वह बेटा हो या बेटी। खैर, जब विज्ञान की बात आती है, तो वास्तव में ऐसे समाधान उपलब्ध हैं ।

यदि आप अपने पसंदीदा लिंग का बच्चा पाने के लिए मंत्र या टोटके खोज रहे हैं, तो आप सही जगह पर हैं! इस लेख में, हम आपको प्राचीन उपायों, ज्योतिषीय समाधानों, मंत्रों और विभिन्न टोटकों के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करेंगे जो पुत्र प्राप्ति की संभावना को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, यदि आप अपने परिवार में एक बेटे का स्वागत करने की उम्मीद कर रहे हैं, तो बच्चे को गर्भ धारण करने के इन वैज्ञानिक तरीकों का पता लगाने के लिए पढ़ते रहें।

पुत्र प्राप्ति के लिए किस भगवान की पूजा करनी चाहिए


जब हम वंश के विकास और संतान प्राप्ति के बारे में सोचते हैं, तो हमारे मन में यह सवाल उठता है कि पुत्र प्राप्ति के लिए किस भगवान की पूजा करनी चाहिए? यह सवाल सबसे पहले आपके आदर्श और धार्मिक आस्था पर निर्भर करेगा। हिन्दू धर्म में, विभिन्न देवताओं की अनेक पूजाएं विधिवत विवरणित हैं, जो यौन संतान की प्राप्ति के लिए आदर्श मानी जाती हैं।

पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय-एकाधिक देवी-देवताओं की पूजा के अलावा, बहुत से लोग भगवान श्री गणेश और भगवान शिव , श्री कृष्ण को भी पुत्र प्राप्ति के लिए पूजा जाता है। भगवान गणेश, समस्त विघ्नों का नाश करने वाले माने जाते हैं और वंश के विकास में सहायता प्रदान कर सकते हैं। वहीं, भगवान कृष्ण को भी गर्भधारण और संतान प्राप्ति का देवत्व प्रदान किया जाता है।

माता दुर्गा या माता पार्वती की भी आप पूजा कर सकते है और आपकी सारी बाधाओं को दूर करती है।

इसलिए, आपको अपनी आदर्श और श्रद्धा के अनुसार इन देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए ताकि आपके पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सके। इसके अलावा, नियमित ध्यान, योग, प्राणायाम और सत्संग का आदान-प्रदान भी वंश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा दिन शुभ माना जाता है?

पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय-आयुर्वेद के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए गर्भधान ऋतुकाल का महत्वपूर्ण रोल होता है। मासिक धर्म के प्रारंभिक दिनों को प्रथम मानकर, आठवीं, दसवीं, और बारहवीं रात्रियों में पुत्र का जन्म होता है, जबकि सातवीं और नवीं जैसी विषम रात्रियों में पुत्री का जन्म होता है। ध्यान दें, इन रात्रियों में चांदनी वाले शुक्ल पक्ष का पहला पखवाड़ा होना चाहिए।


ज्योतिषीय पुत्र प्राप्ति के लिए उचित तिथि की गणना भी करते हैं। प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में दिन-रात, शुक्ल पक्ष, कृष्ण पक्ष और महामारी के 16 दिनों के महत्व का वर्णन किया गया है। यदि आप पुत्र रत्न की प्राप्ति करना चाहते हैं और साथ ही शिशु गुणवान होना चाहते हैं, तो आपको मासिक धर्म के विभिन्न रात्रियों के महत्व को समझना चाहिए।

  • चौथी रात्रि के गर्भ से पैदा हुए पुत्र अल्पायु और दरिद्र होते हैं,
  • पांचवीं रात्रि के गर्भ से जन्मी कन्या सिर्फ लड़का पैदा करती हैं ।
  • छठवीं रात्रि के गर्भ से छोटी आयु वाला पुत्र का जन्म होता है ।
  • सातवीं रात्रि से पैदा होने वाली कन्या बांझ होती है, आठवीं रात्रि में से पैदा हुआ पुत्र ऐश्वर्यशाली होता हैं ।
  • नवीं रात्रि के गर्भ से ऐश्वर्यशाली पुत्री जन्म लेती है ।
  • दसवीं रात्रि के गर्भ से चतुर पुत्र का जन्म होता है ।
  • ग्यारहवीं रात्रि के गर्भ से चरित्रहीन पुत्री पैदा होती है ।
  • बारहवीं रात्रि के गर्भ से पुरुषोत्तम पुत्र जन्म लेता है ।
  • तेरहवीं रात्रि के गर्भ से वर्णसंकर पुत्री पैदा होती है ।
  • चौदहवीं रात्रि के गर्भ से उत्तम पुत्र का जन्म होता है ।
  • पंद्रहवीं रात्रि के गर्भ से सौभाग्यवती पुत्री पैदा होती है ।
  • सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुसंपन्न पुत्र जन्म लेता है। अर्थात, गर्भधान के समय 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16 जैसी सम रात्रियों में पुत्र का जन्म होता है, जबकि 5, 7, 9, 11, 13, 15 जैसी विषम रात्रियों में पुत्री का जन्म होता है।

पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय


यदि आप पुत्र प्राप्ति के लिए किसी तांत्रिक विद्या या टोटके की तलाश में हैं, तो मैं आपको प्राचीन तांत्रिक विद्या से पुत्र प्राप्ति करने के तरीकों के बारे में बताने के लिए आपके साथ हूँ।पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय-

  • नींबू से पुत्र प्राप्ति का टोटका: अगर आपको बेटा चाहिए तो इस टोटके के लिए आपको एक दागदार नींबू की ज़रूरत होगी। नींबू को अच्छी तरह से निचोड़ें और उसका रस निकालें। इसमें थोड़ा सा नमक मिलाएं और इसे लड्डू गोपाल के सामने रख दें। इसके बाद जिस भी स्त्री को पुत्र की इच्छा हो, वह नींबू के रस को सुरक्षित यौन संबंध से पहले पिए।
  • शमशान की मिट्टी से पुत्र प्राप्ति का टोटका: इस टोटके के लिए एक मिट्टी का बर्तन लें और उसमें शुद्ध शहद डालें। इसे मंगलवार को शमशान की भूमि में गाड़ दें। याद रखें, शुद्ध शहद ही लें, जो जंगलों से प्राप्त होता है, और बाजार में मिलने वाले डुप्लीकेट शहद का उपयोग न करें। इसे पुरुष द्वारा सम्पन्न करें, प्रातः काल स्नान करें और भगवान का स्मरण करें।
  • लाल गुंजा से पुत्र प्राप्ति का टोटका: इस टोटके के लिए लाल गुंजा की जड़ों की आवश्यकता होगी। शुभ मुहूर्त के साथ लाल गुंजा की जड़ों को तांबे के ताबीज में भरें और उन्हें स्त्री की भुजा या कमर पर बांधें। इसके बाद प्रयास करें, और आपको पुत्र संतान प्राप्त हो सकती है।
  • मोर पंख से पुत्र प्राप्ति का टोटका: इसके लिए तीन मोर पंखों की आवश्यकता होगी। मोर पंख को चांद जैसा टुकड़ा करें और इसे पिस कर गुड़ के साथ मिलाएं, और तीन गोलियां बनाएं। प्रातः काल तीन दिन तक यह गोलियां एक ही गाय के दूध के साथ खाएं, ध्यान दें, खाने के बाद 4 घंटे तक कुछ न खाएं, पानी पी सकते हैं।

ध्यान दें,पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय , टोटके विश्वास पर आधारित हैं और वैज्ञानिक प्रमाणित नहीं हैं। आपको ये टोटके नियमित रूप से और आदर्श तरीके से अपनाने चाहिए ताकि आपको अपनी पुत्र प्राप्ति की इच्छा को साकार करने म

नवरात्रि में पुत्र प्राप्ति के लिए क्या करें

नवरात्रि, हिन्दू धर्म में माता दुर्गा की पूजा और आराधना का अद्वितीय त्योहार है। यह नौ दिनों तक चलने वाला महोत्सव है जिसमें माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर अनेकों श्रद्धालु पुत्र प्राप्ति की कामना रखते हैं। यदि आप भी पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखते हैं और नवरात्रि में इसे पूरा करना चाहते हैं, तो यहां कुछ विशेष उपाय दिए गए हैं जो आप अपना सकते हैं।पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय-

  • माता दुर्गा की पूजा: नवरात्रि के नौ दिनों में माता दुर्गा की पूजा और आराधना करना पुत्र प्राप्ति के लिए विशेष महत्वपूर्ण है। रोजाना माता की पूजा के लिए समय निकालें और उसके नौ रूपों की आराधना करें। उनके लिए विशेष प्रार्थना करें और उनकी कृपा के लिए बिंदी, चावल, कच्चे दूध, फूल, दीपक आदि संग्रह करें।
  • मंत्र जाप: नवरात्रि में माता दुर्गा के मन्त्र जाप करना भी पुत्र प्राप्ति के लिए उपयोगी होता है। ‘ॐ देवी दुर्गायै नमः’ और ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्वपूज्ये देवी मातरे नमः’ जैसे मन्त्रों का जाप विशेष शुभ माना जाता है। इन मन्त्रों का नियमित जाप करें और समर्पित भाव से माता दुर्गा की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • व्रत और उपासना: नवरात्रि में व्रत रखना एक अन्य प्रचलित उपाय है जो पुत्र प्राप्ति में मदद कर सकता है। नौ दिनों तक सत्विक आहार लें और माता दुर्गा के लिए अन्न दान करें। संयम से इन व्रतों का पालन करें और मन और शरीर को पवित्र रखें।
  • सेवा और दान: नवरात्रि में सेवा और दान का महत्व अत्यंत उच्च होता है। दुर्गा माता की सेवा के लिए अपनी शक्तियों को उनके भक्ति में लगाएं। गरीबों और बालिकाओं को आहार और वस्त्रादि की दान करें। इससे पुत्र प्राप्ति की कामना को माता दुर्गा की कृपा मिलती है।

पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान शिव को क्या चढ़ाएं?

पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय-यदि आप भगवान शिव की कृपा से पुत्र प्राप्ति की कामना रखते हैं, तो आप उन्हें कुछ विशेष चीज़ों का चढ़ाव कर सकते हैं। ये चीज़ें आपकी भक्ति और आदर को प्रकट करती हैं और आपको भगवान शिव की कृपा के आशीर्वाद का लाभ प्रदान कर सकती हैं।

  • बेल पत्र: भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र का चढ़ाव बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह परंपरागत रूप से प्रयोग किया जाता है और पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान शिव की कृपा को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
  • धातु का चढ़ाव: लोहे, सोने या रजत के ताम्र, चांदी या स्वर्ण के कार्यों के रूप में भगवान शिव को धातु का चढ़ाव करने से भी पुत्र प्राप्ति की कामना को संतुष्टि मिलती है। इसके लिए, आप सोने या रजत के छोटे प्रतीकों का चढ़ाव कर सकते हैं जैसे कि छोटे सोने के मूर्ति, ताम्र तांबे की गिरजाघर या चांदी के कलश।
  • जल: शिवलिंग पर जल के चढ़ाव से भी पुत्र प्राप्ति की कामना को पूरा किया जा सकता है। आप गंगा जल, दूध, घी, तिलक या बिल्व पत्र का चढ़ाव कर सकते हैं। यह शुभ चढ़ाव भगवान शिव की आराधना में उपयोगी होता है और पुत्र प्राप्ति की कामना को संतुष्ट करता है।
  • मूंगफली: भगवान शिव को मूंगफली के बीज का चढ़ाव भी पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है। आप इसे शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैते हैं या फिर उन्हें पूजा-अर्चना के समय मूंगफली की प्रसाद के रूप में भी चढ़ा सकते हैं। मूंगफली का चढ़ाव पुत्र प्राप्ति की कामना को सहायता प्रदान करता है और शिव की कृपा को प्राप्त करने में मदद करता है।

पुत्र प्राप्ति के लिए मंत्र : देव पुत्र कामना मंत्र

जब किसी व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसे एक पुत्र की प्राप्ति हो, तो “पुत्र प्राप्ति के लिए मंत्र” उसके लिए एक महत्वपूर्ण और प्रभावी उपाय हो सकता है। यह मंत्र एक विशेष शक्ति धारण करता है और उस व्यक्ति को संतान की इच्छा को पूरा करने के लिए साहस, स्थायित्व और समर्पण की भावना प्रदान करता है।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।” यह संतान गोपाल मंत्र है, जो एक विशेष महत्वपूर्णता रखता है। इसे जाप करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। आपको जन्माष्टमी के दिन पूजा घर में बाल गोपाल की तस्वीर लगानी चाहिए और नियमित रूप से उनकी आराधना करनी चाहिए।

जब हम इस मंत्र का जाप करते हैं, तो हम अपनी इच्छाओं को ब्रह्मांड के सामर्थ्य के सामने प्रस्तुत करते हैं और उसे अपने जीवन में साकार करने के लिए प्रेरित करते हैं। यह मंत्र हमें धैर्य और आत्मविश्वास की प्राप्ति में मदद करता है, जो हमारे और हमारे पारिवारिक सुख के लिए महत्वपूर्ण है।

[पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय]FAQ’S

1. पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सी दिशा में सोना चाहिए?

Ans. पुत्र प्राप्ति के लिए, आपको उत्तर दिशा में सोना चाहिए।

2. पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा मंत्र है?

Ans. पुत्र प्राप्ति के लिए कई मंत्र हैं जो प्रयोग किए जा सकते हैं। कुछ प्रमुख मंत्रों में श्री संतान गोपाल मंत्र, ओम ह्रीं श्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वरवरद सर्वजनं में वशमानाय स्वाहा मंत्र और श्री रुद्राष्टकम स्तोत्र शामिल हैं। हालांकि, जो भी मंत्र आप चुनें, आपको एक विशेषज्ञ पंडित से परामर्श लेना चाहिए ताकि आप सही तरीके से और संक्षिप्त में मंत्र का जाप कर सकें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Translate »
Scroll to Top